Short Essay on 'Vat Savitri Vrat' in Hindi | 'Vat Savitri Vrat' par Nibandh (150 Words)


वट सावित्री व्रत

'वट सावित्री व्रत' हिन्दुओं का प्रसिद्द त्यौहार है। यह हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या को मनाया जाता है। परम्परा व संस्कृति की मान्यताओं के अनुरूप इस दिन वट सावित्री व्रत रखते हुए सुहागिनें (विवाहित महिलायें) पति के दीर्घायु होने की कामना करती हैं।

वट सावित्री व्रत के दिन वट वृक्ष (बरगद के पेड़) की परिक्रमा कर सुहागिनों द्वारा कच्चा धागा बाँधा जाता है।


वृक्ष के चक्कर लगाकर सुहागिनें आटे के बने बरगद चढ़ाती हैं, हल्दी, दही व सिंदूर चढ़ाकर पूजा-अर्चना करती हैं एवं हवन करती हैं। सोलह श्रृंगार किये महिलाओं के समूह मंदिरों के पास और पार्कों में लगे बरगद के वृक्ष के पास पूजा-अर्चना करती है एवं पति की दीर्घायु की कामना करती हैं।

लोकाचार के चलते मान्यता है कि बरगद की तरह ही हमारा परिवार बढ़े और हरा-भरा रहे जिससे उसकी छाँव में लोग आराम का एहसास करें, इसीलिए बरगद की परिक्रमा की जाती है।
 

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