'ओणम' केरलवासियों का प्रमुख पर्व है। यह त्यौहार अगस्त-सितम्बर के महीनों में मनाया जाता है। यह प्रीतिभोज, नाच-गान और खुशियाँ मनाने का त्यौहार है। यह त्यौहार राजा महाबली के सम्मान में मनाया जाता है।
ओणम का त्यौहार पूरे दस दिन बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। हरे-भरे खेतों का दृश्य इस पर्व के मनाने में विशेष योगदान देता है। इस उत्सव का आरंभ घर-आँगन में रंग-बिरंगे फूलों की रंगोली से किया जाता है। इसे केरल की मलयालम भाषा में 'पक्कम' कहते हैं।
ओणम के पर्व पर प्रीतिभोज का बड़ा महत्त्व है। इस दिन केरलवासी षटरस व्यंजनों का भोजन तैयार करते हैं। इस अवसर पर मंदिर तथा अन्य धार्मिक स्थान सजाये जाते हैं। लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं और आपस में मिठाइयाँ व उपहार लेते-देते हैं। नदियों में नौकायन का कार्यक्रम होता है और नावों की दौड़-प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है। स्थान-स्थान पर सभाएं और नाच-गान होते हैं।
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