'मौलाना अबुल कलाम आज़ाद' का जन्म 11 नवम्बर, 1888 को हुआ था। अबुल के पिता मौलाना खैरूद्दीन एक विख्यात विद्वान थे, जो बंगाल में रहते थे। उनकी माँ आलिया एक अरब थी और मदीन के शेख़ मोहम्मद ज़ाहिर वत्री की भतीजी थी। अरब देश के पवित्र मक्का में रहने वाले एक भारतीय पिता और अरबी माता के घर में उनका जन्म हुआ। पिता मौलाना खैरूद्दीन ने उनका नाम मोहिउद्दीन अहमद रक्खा। आगे चलकर वे मौलाना अबुल कलाम आज़ाद एवं मौलाना साहब के नाम से प्रसिद्ध हुए। तेरह साल की आयु में उनका विवाह ज़ुलैखा बेगम से हो गया ।
मौलाना आज़ाद एक विद्वान, पत्रकार, लेखक, कवि एवं दार्शनिक थे। इन सबसे बढ़कर मौलाना आज़ाद अपने समय के धर्म के एक महान विद्वान थे। उन्होंने 1912 में 'अल हिलाल' नामक एक उर्दू अख़बार का प्रकाशन प्रारम्भ किया। यह अख़बार भारत और विदेशों में बहुत जल्दी प्रसिद्ध हो गया। उन्होंने 1919 के रॉलेट एक्ट के विरोध में असहयोग आंदोलन को संगठित करने में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। वह वरिष्ठ राजनीतिक नेता थे। स्वतंत्र भारत में मौलाना आज़ाद भारत सरकार के पहले शिक्षा मंत्री थे।
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद जब बोलते थे तो श्रोता मंत्रमुग्ध होकर उन्हें सुनते थे। वे एक प्रभावशाली वक्ता थे। भारत के पहले शिक्षा मंत्री बनने पर उन्होंने नि:शुल्क शिक्षा, भारतीय शिक्षा पद्धति एवं उच्च शिक्षा संस्थानों की स्थापना में अत्यधिक सराहनीय कार्य किया। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना का श्रेय मौलाना आज़ाद को ही जाता है। 22 फ़रवरी सन् 1958 को मौलाना आज़ाद का निधन हो गया। वर्ष 1992 में मरणोपरान्त मौलाना आज़ाद को भारत के सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया। एक इंसान के रूप में मौलाना महान थे, उन्होंने हमेशा सादगी का जीवन पसंद किया। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के जन्मदिवस 11 नवम्बर को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा दिवस घोषित किया गया है।
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