टेलीविज़न
'टेलीविज़न' विज्ञान की नवीनतम देनों में से एक तथा मनोरंजन का सर्वश्रेष्ठ साधन है। यह वस्तुतः रेडियो का ही विकसित रूप है। इसके द्वारा हम प्रसारण केंद्र से बोलनेवाले व्यक्ति का चित्र तथा वहाँ का वातावरण आँखों से देख सकते हैं। रेडियो द्वारा जितना आनंद हमें अभिनयकर्ता के अभिनय को सुनने से प्राप्त होता है, उससे कहीं अधिक उसी अभिनय को आँखों द्वारा देखने से मिलता है। टेलीविज़न बेतार प्रसारण के नवीनतम चमत्कारों में से एक है।
टेलीविज़न का अविष्कार 1926 में स्कॉटलैंड के वैज्ञानिक जॉन एलo बेयर्ड ने किया था। भारत में इसके सर्वप्रथम केंद्र की स्थापना 1951 में हुई, किन्तु सार्वजनिक प्रसारण 1965 से आरम्भ हुआ।
प्रारम्भ में भारतवर्ष में काले-सफ़ेद टेलीविज़न का प्रचार हुआ। किन्तु बाद में काले-सफ़ेद टेलीविज़न के स्थान पर रंगीन टेलीविज़न का प्रचार होने लगा। 1982 से तो रंगीन टेलीविज़न का प्रचार बहुत बढ़ गया।
टेलीविज़न के कार्यक्रम बड़े ही उपयोगी होते हैं। गणतंत्र दिवस की परेड, स्वतंत्रता दिवस का समारोह, खेल तथा मैच का प्रसारण तथा बच्चों के पाठ्यक्रम के अनुसार पाठों की व्यवस्था आदि सभी कुछ हम अपनी आँखों से देख सकते हैं। इसके अतिरिक्त फ़िल्म, गीत-संगीत एवं समाचार भी टेलीविज़न से प्रसारित होते हैं। ये सभी कार्यक्रम मनोरंजक एवं शिक्षाप्रद होते हैं।
टेलीविज़न के द्वारा सरकार अपने कार्यक्रमों व उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाती है। यद्यपि सिनेमा से भी हम आनंद ले सकते हैं, किन्तु टेलीविज़न घर बैठे और बिना किसी कष्ट के उसी प्रकार का आनंद देने वाला साधन है।
पाश्चात्य देशों में टेलीविज़न ने शिक्षा क्षेत्र में काफी प्रगति की है। विद्यार्थी किसी भी ऑपरेशन को अपनी आँखों से देखकर उसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
टेलीविज़न द्वारा देश के किसानों को भी बड़ा लाभ प्राप्त हुआ है। इस दिशा में जापान का कृषि कार्यक्रम सराहनीय है।
इस समय भारत सरकार द्वारा टेलीविज़न के प्रसारण के विस्तार की विराट योजना बनाई गई है। इसके फलस्वरूप निकट भविष्य में देश का प्रत्येक नागरिक टेलीविज़न का लाभ उठा सकेगा।
3 Comments
Very NYC essay
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteGood
Nice good
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