Short Essay on 'Win of India in Cricket World Cup- 2011' in Hindi | 'Cricket Vishva Cup- 2011 men Bharat ki Jeet' par Nibandh (336 Words)

क्रिकेट विश्व कप- 2011 में भारत की जीत

विश्व कप 2011 क्रिकेट इतिहास का 10 वाँ विश्व कप था जिसे भारत, श्रीलंका तथा बांग्ला देश ने संयुक्त रूप से आयोजित किया था और इसमें 14 देशों की टीमों ने हिस्सा लिया था। इन सभी टीमों को 2 ग्रुपों में बांटा गया। ग्रुप 'ए' में जहाँ ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, श्रीलंका, न्यूज़ीलैंड, ज़िंबाबवे, कनाडा तथा केन्या थीं वहीँ ग्रुप 'बी' में भारत, साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, वेस्टइंड़ीज, बांग्ला देश, नीदरलैंड तथा आयरलैंड थीं। भारत अपनी मजबूत बल्लेबाजी के कारण ख़िताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा था।

ग्रुप 'बी' के पहले मैच में भारत ने बांग्ला देश को 87 रनों से हराया। भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया दूसरा मैच टाई हो गया जिसमें दोनों टीमों ने निर्धारित ओवरों में 338 रन बनाये। यह विश्व कप का चौथा टाई मैच था। अपने तीसरे और चौथे मैच में भारत ने जहाँ युवराज के बेहतरीन खेल से आयरलैंड तथा नीदरलैंड को हराया वहीँ पांचवे मैच में साउथ अफ्रीका से टूर्नामेंट की पहली हार भी मिली। किन्तु, अपने छठे और अंतिम ग्रुप मैच में वेस्ट इंडीज को 80 रनों से हराकर ग्रुप 'बी' में दूसरा स्थान प्राप्त करके भारत ने क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह बनायी। क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को भारत ने सचिन और गम्भीर की बल्लेबाजी और युवराज के ऑलराउंड प्रदर्शन के बल पर 5 विकेट से हरा दिया। सेमी फाइनल मुकाबले में भारत ने अपने प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को 29 रनों से हराकर फाइनल में श्रीलंका से खेलने का अवसर प्राप्त किया।

फाइनल में श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए महेला जयवर्धने के 104 रन तथा संगकारा के 48 रनों की मदद से 50 ओवरों में 6 विकेट पर 274 रन बनाये। जिसके जवाब में भारत ने गम्भीर के 97 रन, धोनी के 91 रन तथा युवराज के 45 रनों की मदद से 4 विकेट पर 275 रन बनाये। इसके साथ ही भारत ने 28 साल के बाद क्रिकेट का विश्व कप जीत लिया। युवराज सिंह को पूरे टूर्नामेंट में 352 रन एवं 15 विकटों के लिए विश्व कप 2011 का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया।

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