स्वामी विवेकानंद
'स्वामी विवेकानंद' का जन्म 12 जनवरी 1863 में कोलकाता (कलकत्ता) में हुआ था। उनका मूल नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। उनके पिता, विश्वनाथ दत्त कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक वकील थे। उनकी माता भुवनेश्वरी देवी एक ग्रहणी थीं।
स्वामी विवेकानंद ने पैदल ही पूरे भारत की यात्रा की। 1893 में शिकागो धर्म संसद में गए और 1896 तक अमेरिका में रहे। स्वामी विवेकानंद ने 9 दिसंबर 1898 को कलकत्ता के निकट गंगा नदी के किनारे बेलूर में 'रामकृष्ण मठ' की स्थापना की। उन्होंने 'रामकृष्ण मिशन' की स्थापना की। स्वामी विवेकानंद एक संत व भारत के सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने कई विषयों पर अपने बहुमूल्य विचार दिये हैं। स्वामी विवेकानंद ने योग, राजयोग तथा ज्ञानयोग जैसे ग्रंथों की रचना की।
स्वामी विवेकानंद का देहांत 4 जुलाई, 1902 को हुआ। उनकी शिक्षाएं देश की सबसे बड़ी दार्शनिक संपत्ति हैं। भारत सरकार ने 1984 में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में स्वामी विवेकानंद के जन्म दिनांक 12 जनवरी की तिथि को घोषित किया और 1985 से हर साल 12 जनवरी को भारत में 'राष्ट्रीय युवा दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
इस दार्शनिक गुरु की जन्म तिथि पर युवा दिवस घोषित करने का उद्देश्य आने वाली पीढ़ी में इन पवित्र आदर्शों को पैदा करना है। राष्ट्रीय युवा दिवस का दिन रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के मुख्यालय के साथ ही उनकी शाखा केन्द्रों पर स्वामी विवेकानंद के प्रति काफी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। विभिन्न स्थानों पर इस दिन मंगल आरती, होम, ध्यान, भक्ति-गीत, धार्मिक प्रवचन और संध्या आरती आदि का आयोजन होता है। देश की लगभग सभी शिक्षण संस्थाओं में राष्ट्रीय युवा दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
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