मातृ दिवस (मदर्स डे)
'मातृ दिवस' समाज मेँ माताओं के प्रभाव व सम्मान का उत्सव है। मातृ दिवस, समस्त माताओं तथा मातृत्व के लिए खास तौर पर पारिवारिक एवं उनके आपसी संबंधों को सम्मान देने के लिए आरम्भ किया गया था। मातृ दिवस विभिन्न देशों में विभिन्न तिथियों पर मनाया जाता है। भारत में मातृ दिवस प्रत्येक वर्ष मई माह के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। भारत के अलावा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे अन्य देशों मेँ भी मई माह के दूसरे रविवार को मातृ दिवस मनाते हैं।
मां शब्द में संपूर्ण सृष्टि का बोध होता है। मां के शब्द में वह आत्मीयता एवं मिठास छिपी हुई होती है, जो अन्य किसी शब्द में नहीं होती। मां नाम है संवेदना, भावना और अहसास का। मां के आगे सभी रिश्ते बौने पड़ जाते हैं। मातृत्व की छाया मेँ मां न केवल अपने बच्चों को सहेजती है बल्कि आवश्यकता पड़ने पर उसका सहारा बन जाती है। समाज मेँ मां के ऐसे उदाहरणों की कमी नहीं है, जिन्होंने अकेले ही अपने बच्चों की जिम्मेदारी निभाई।
मातृ दिवस सभी माताओं का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है। एक बच्चे की परवरिश करने मेँ माताओं द्वारा सहन की जानें वालीं कठिनाइयों के लिये आभार व्यक्त करने के लिये यह दिन मनाया जाता है। इस दिन लोग अपनी मां को ग्रीटिंग कार्ड और उपहार देते हैं। यह एक वार्षिक आयोजन है लेकिन देश के आधार पर, कैलेंडर में अलग अलग तारीखों पर आयोजित किया जाता है। कुछ लोगों अपनी माता के लिए इस दिन फूल खरीदते हैं। माताओं और मातृत्व को समर्पित मातृ दिवस के अवसर पर विभिन्न विद्यालयों मैं कई तरह के कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं।
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