विश्व अस्थमा दिवस
'विश्व अस्थमा दिवस' प्रत्येक वर्ष मई माह के प्रथम मंगलवार को सम्पूर्ण विश्व मेँ मनाया जाता है। अस्थमा एक गंभीर बीमारी है। इसी के प्रति जागरूकता के लिए हर वर्ष मई के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है।
अस्थमा एक ग्रीक शब्द है, जिसका मतलब ठीक से श्वांस नहीं ले पाना या मुंह से श्वांस लेना है। अस्थमा से ग्रस्त मरीजों के सांस की नलियों में सूजन आ जाती है, जिससे नलियां सिकुड़ जाती हैं और मरीज को सांस लेने में परेशानी होती है। बड़ों के साथ अब ये बीमारी बच्चों में भी होने लगी है। आमतौर पर कहा जाता है कि प्रदूषण, धूल और धुएं के ज्यादा सम्पर्क में रहने से अस्थमा का खतरा होता है। बड़ों के साथ अब ये बीमारी बच्चों में भी होने लगी है।
वर्तमान मेँ कई खतरनाक बीमारियों में से एक अस्थमा भी है। बढ़ते प्रदूषण के कारण अस्थमा के मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में करीब 23 करोड़ लोग अस्थमा से पीड़ित हैं। वर्तमान मेँ अस्थमा से भारत मेँ लगभग तीन करोड़ लोग ग्रसित हैं।
विश्व अस्थमा दिवस के दिन इस गंभीर बीमारी के प्रति सचेतनता संदेश जारी किये जाते हैं तथा इससे बचाव के उपाय बताए जाते हैं।
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