गणेश शंकर विद्यार्थी
'गणेश शंकर विद्यार्थी' का जन्म 26 अक्टूबर, 1890 ई० को इलाहाबाद के अतरसुइया मोहल्ले में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री जयनारायण श्रीवास्तव था जो फतेहपुर जिले के हथगांव के मूल निवासी थे। वे ग्वालियर में अध्यापक थे।
गणेश शंकर विद्यार्थी क़ी प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर के मुंगावली नामक स्थान से प्रारंभ हुई। यहीं उन्होंने कानपुर स्थित क्राईस्ट चर्च कॉलिज से एंट्रेंस क़ी परीक्षा उत्तीर्ण क़ी। उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने इलाहाबाद के कायस्थ पाठशाला कॉलिज में प्रवेश लिया। उनका विवाह इलाहाबाद के मुंशी विश्वेश्वर दयाल क़ी पौत्री चंद्रप्रकाश देवी के साथ हुआ था।
गणेश शंकर विद्यार्थी ने 'कर्मयोगी' पत्र के लिए लेख और टिप्पणियां लिखकर अपने पत्रकार जीवन क़ी शुरुआत क़ी। वे महान स्वतंत्रता सेनानी और पत्रकार थे। स्वतंत्रता आन्दोलन के दिनों में उन्होंने 'प्रताप' नाम के प्रसिद्ध अख़बार का संपादन करते हुए देश में क्रांति क़ी ज्वाला को प्रज्ज्वलित रखने का कार्य किया।
गणेश शंकर विद्यार्थी केवल उत्कृष्ट पत्रकार और संपादक ही नहीं थे बल्कि वे अखिल भारतीय कांग्रेस क़ी गतिविधियों में सक्रिय योगदान भी देते थे। वे 1921 से 1931 तक पांच बार जेल गए। 25 मार्च 1931 को एक सांप्रदायिक दंगे क़ी भेंट चढ़ उनका देहांत हो गया। गणेश शंकर विद्यार्थी जैसे लोग विरले ही होते हैं।
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