आर्यभट्ट
'आर्यभट्ट' का जन्म सन 476 में हुआ था। उनके जन्मस्थान के बारे में मतभेद है।
आर्यभट्ट प्राचीन भारत के एक महान ज्योतिषविद और गणितज्ञ थे। इन्होने आर्यभट्टीयम ग्रन्थ की रचना की, जिसमें ज्योतिष शास्त्र के अनेक सिद्धांतों का प्रतिपादन है। इसी ग्रन्थ में आर्यभट्ट ने अपना जन्मस्थान कुसुमपुर और जन्मकाल शक संवत 398 लिखा है। भारत के प्रथम कृत्रिम उपग्रह का नाम उनके नाम पर आर्यभट्ट रखा गया था। उनके कार्य आज भी विद्वानों को प्रेरणा देते हैं।
आर्यभट्ट का निधन सन 550 में हुआ। आर्यभट्ट, भारत के महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री थे। गणित और खगोलशास्त्र में उनके द्वारा किये गए कार्यों के लिए उन्हें सदैव याद रखा जायेगा।
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