Short Article on 'Earth- Our Legacy' in Hindi | 'Prithvi- Hamari Dharohar' par Lekh

पृथ्वी- हमारी धरोहर

पृथ्वी हमारी धरोहर है, इसकी रक्षा करना हमारा कर्त्तव्य है। प्रकृति द्वारा कुछ चीजें उपहार के रूप में मिली हैं। प्रकृति ने हमें सूर्य, चाँद, हवा, जल, धरती, नदियां, पहाड़, हरे-भरे वन और धरती के नीचे छिपी हुई खनिज सम्पदा धरोहर के रूप में हमारी सहायता के लिए प्रदान किये हैं। मनुष्य अपनी मेहनत से धन कमा सकता है लेकिन प्रकृति की धरोहर को अथक प्रयास करने के पश्चात भी बढ़ा नहीं सकता। प्रकृति द्वारा दी गई ये सभी वस्तुएं सीमित हैं।


आज दुःख इस बात का है कि विवेकशील प्राणी होते हुए भी मनुष्य स्वार्थ के कारण इन प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग कर रहा है। वह समय दूर नहीं है जब मनुष्य इन संसाधनों को खोने के बाद पछताएगा। आज बढ़ती जनसँख्या की आवास समस्या को हल करने के लिए हरे-भरे जंगलों को काट कर ऊंची-ऊंची इमारतें बनाई जा रही हैं। वृक्षों के कटने से वातावरण का संतुलन बिगड़ गया है और 'ग्लोबल वार्मिंग' की समस्या पूरे विश्व के सामने भयंकर रूप से खड़ी है।

खनिज-सम्पदा का अंधाधुंध प्रयोग किया जा रहा है। जीव-जंतुओं का संहार किया जा रहा है, जिसके कारण अनेक दुर्लभ प्रजातियां लुप्त होती जा रही हैं। प्रकृति की सुंदरता जिसे देखकर कवियों का मन झूम उठता था और प्रकृति उनकी कविता की प्रेरणा बन जाती थी, आज वह सब कुछ उजड़ चुका है और प्रकृतिक आपदाएं मुंह खोले खडी हैं। इसी कारण आज प्रकृति संबंधी कवितायें लिखने की प्रेरणा कवियों को नहीं मिलती है।


आज हम सब को इस बात पर गम्भीरता से विचार करना चाहिए कि प्रकृति ने धरोहर के रूप में जो भी वस्तुएं दी हैं, उनका हम सब अच्छी तरह से प्रयोग करें और आने वाली पीढ़ी के लिए इन वस्तुओं को सँभाल कर रखें तथा इनके स्थान पर दूसरे विकल्प ढूँढने का प्रयास करें। अतः यह पृथ्वी हमारी धरोहर है और हर तरीके से इसको सँभाल कर रखना हम सभी का कर्त्तव्य है। 


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