Short Essay on 'Dr. Manmohan Singh' in Hindi | 'Dr. Manmohan Singh' par Nibandh (280 Words)


डॉ० मनमोहन सिंह

'डॉ० मनमोहन सिंह' का जन्म 26 सितंबर, 1932 को पंजाब प्रान्त के ग्राम 'गाह' (वर्तमान में पाकिस्तान में) में हुआ था। उनके पिता का नाम गुरुमुख सिंह एवं माता का नाम अमृत कौर था।

मनमोहन सिंह का पढ़ाई की ओर विशेष रुझान प्रारम्भ से ही था। पंजाब विश्वविद्यालय से अव्वल श्रेणी में बी.ए (आनर्स) की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद सन 1954 में यहीं से एम.ए. (इकोनॉमिक्स) में भी उन्होंने पहला स्थान प्राप्त किया। पी.एच.डी. की डिग्री प्राप्त करने के लिए वह कैंब्रिज विश्वविद्यालय गए जहां उन्हें उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राइट्स पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के नेफिल्ड कॉलेज से मनमोहन सिंह ने डी. फिल. की परीक्षा उत्तीर्ण की।


मनमोहन सिंह एक कुशल राजनेता के साथ एक अच्छे अर्थशास्त्री और विचारक भी हैं। वे योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमन्त्री के आर्थिक सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी रहे हैं। उन्होंने 72 वर्ष की आयु में वर्ष 2004 में भारत के सत्रहवें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। पुनः दूसरी बार उन्हें वर्ष 2009 में प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिला।

अपनी सादगी और अंतर्मुखी स्वभाव के लिए जाने जाने वाले मनमोहन सिंह बेहद चतुर और बुद्धिमान व्यक्तित्व वाले प्रधानमंत्री रहे हैं। शिक्षा के प्रति रुझान ने उन्हें प्रधानमंत्री पद तक पहुंचा दिया किन्तु वह खुद को एक आम इंसान ही मानते रहे हैं। उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें वर्ष 1987 में पद्मविभूषण सम्मान प्रदान किया गया। भारत को उन्नति के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री के रूप में कई मजबूत कदम उठाए जिनका देश की जनता को तो लाभ हुआ ही साथ ही विश्व पटल पर भी भारत एक मजबूत राष्ट्र बनकर उभरा है। 

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