ज्ञानी जैल सिंह
'ज्ञानी जैल सिंह' का वास्तविक नाम जरनैल सिंह था। इनका जन्म 5 मई, 1916 को पंजाब के फरीदकोट जिले के संधवान ग्राम में हुआ था। इनके पिता का नाम भाई किशन सिंह था, जो एक समर्पित सिख थे। ज्ञानी जैल सिंह की छोटी उम्र में ही उनकी माता का देहांत हो गया था।
अमृतसर के शहीद सिख मिशनरी कॉलेज से गुरु ग्रंथ का पाठ मुंह जबानी याद करने के बाद इन्हें ज्ञानी की उपाधि से नवाजा गया था। ज्ञानी जैल सिंह बचपन से ही भारत की स्वतंत्रता के लिए जागरुक थे। उन्होंने प्रजा मंडल नामक एक राजनैतिक पार्टी का गठन किया था, जो भारतीय कॉग्रेस के साथ संबद्ध होकर ब्रिटिश विरोधी आंदोलन किया करती थी। ब्रिटिशों ने उनको जेल भेज दिया था। इसी दौरान उन्होंने अपना नाम बदलकर जैल सिंह (जेल सिंह) रख लिया था।
स्वतंत्रता के पश्चात ज्ञानी जैल सिंह को पटियाला और पूर्वी पंजाब राज्यों के संघ का राजस्व मंत्री बनाया गया। 1951 में उनको कृषि मंत्री बनाया गया। वह 1956 से 1962 तक राज्यसभा के भी सदस्य रहे। सन 1962 में ज्ञानी जैल सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री बने। 1982 में उन्होंने भारत के सातवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। ज्ञानी जैल सिंह देश के पहले सिख राष्ट्रपति थे।
ज्ञानी जैल सिंह बेहद धार्मिक व्यक्तित्व वाले इंसान थे। 25 दिसंबर, 1994 को उनका निधन हो गया। एक दृढ निश्चयी और साहसी व्यक्तित्व वाले इंसान के साथ-साथ एक समर्पित सिख के रूप में उन्हें सदैव याद किया जायेगा।
0 Comments