Short Essay on 'Yogi Adityanath' in Hindi | 'Yogi Adityanath' par Nibandh (437 Words)


योगी आदित्यनाथ

'योगी आदित्यनाथ' का जन्म का नाम अजय सिंह बिष्ट है। उनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखण्ड (तब उत्तर प्रदेश) के पौड़ी गढ़वाल जिले स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचूर नामक गाँव में हुआ था। इनके पिताजी का नाम आनंद सिंह बिष्ट है। 
 
योगी आदित्यनाथ ने 1977 में टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरू की व 1987 में टिहरी के गजा स्कूल से दसवीं की परीक्षा पास की। सन् 1989 में ऋषिकेश के श्री भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज से इन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। 1990 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते हुए ये ए.बी.वी.पी. से जुड़ गए। 1992 में से इन्होंने गणित में बी.एस.सी. की परीक्षा पास की।

वर्ष 1993 में गणित में एम.एस.सी. की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर रिसर्च करने योगी आदित्यनाथ गोरखपुर आए। यहां गोरखनाथ पीठ के महंत अवैद्यनाथ जी की नजर इन पर पड़ी। 1994 में ये पूर्ण सन्यासी बन गए, जिसके बाद इनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गया।

वर्ष 1998 में योगी आदित्यनाथ सबसे पहले गोरखपुर से चुनाव भाजपा प्रत्याशी के तौर पर लड़े और जीत गए। तब इनकी उम्र महज 26 साल थी। आदित्यनाथ बारहवीं लोक सभा (1998-99) के सबसे युवा सांसद थे। 1999 में ये गोरखपुर से दोबारा सांसद चुने गए। 2004 में तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता। 2009 में ये 2 लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंचे। 2014 में पांचवी बार एक बार फिर से दो लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर ये सांसद चुने गए।

वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव में बी.जे.पी. के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने योगी आदित्यनाथ से पूरे राज्य में प्रचार कराया। इन्हें एक हेलीकॉप्टर भी दिया गया। उक्त चुनाव में बी.जे.पी. ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ ने शपथ ली।

योगी आदित्यनाथ का भारतीय जनता पार्टी के साथ रिश्ता काफी पुराना है। वह पूर्वी उत्तर प्रदेश में अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं। इन्होंने अप्रैल 2002 मे हिन्दू युवा वाहिनी बनायी। ये गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मन्दिर के महन्त भी हैं। इनकी छवि कथित तौर पर एक कट्टर हिन्दू नेता की है।

योगी आदित्यनाथ की बहुमुखी प्रतिभा का एक आयाम लेखक का है। उन्होंने अत्यल्प अवधि में ही ‘यौगिक षटकर्म’, ‘हठयोग: स्वरूप एवं साधना’, ‘राजयोग: स्वरूप एवं साधना’ तथा ‘हिन्दू राष्ट्र नेपाल’ नामक पुस्तकें लिखीं।

श्री गोरखनाथ मन्दिर से प्रकाशित होने वाली वार्षिक पुस्तक ‘योगवाणी’ के योगी आदित्यनाथ प्रधान सम्पादक हैं तथा ‘हिन्दवी’ साप्ताहिक समाचार पत्र के प्रधान सम्पादक रहे। उनका कुशल नेतृत्व युगान्तकारी है और एक नया इतिहास रच रहा है। बहुआयामी प्रतिभा के धनी योगी जी, धर्म के साथ-साथ सामाजिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से राष्ट्र की सेवा के लिए सदैव याद किये जायेंगे।


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