चंद्र ग्रहण
'चंद्र ग्रहण' एक तरह का ग्रहण है, जब सूर्य और चन्द्रमा के बीच पृथ्वी की स्थिति होती है, पृथ्वी की छाया चन्द्रमा पर पड़ती है जिससे चन्द्रमा का कुछ या संपूर्ण भाग अंधकारमय रहता है और पृथ्वी से नहीं दिखाई पड़ता है। विज्ञान की दृष्टि से जब पृथ्वी, सूर्य व चन्द्रमा के बीच में आ जाती है तो चन्द्रमा का कुछ या संपूर्ण भाग अंधकारमय रहता है, उसी घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है।
चंद्र ग्रहण दो प्रकार के होते हैं जिन्हें पूर्ण चंद्र ग्रहण और आंशिक चंद्र ग्रहण कहते हैं। जब पृथ्वी की छाया समस्त सम्मुख भाग पर पड़ती है और चंद्रमा का सम्पूर्ण भाग अंधकारमय हो जाता है, पूर्ण चंद्र ग्रहण (Total Lunar Eclipse) होता है। किन्तु जब चंद्रमा का कुछ ही भाग छाया में होता है, उसका उतना अंधकारमय भाग चाप के आकार में कटा हुआ दिखाई पड़ता है। इसे खंड ग्रहण या आंशिक चंद्र ग्रहण (Partial Lunar Eclipse) कहते हैं।
चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा (Full Moon) की रात को ही होता है। हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण का बहुत महत्व है. शास्त्रों में भी ग्रहण से जुड़ी कई बातें कही गई हैं। भारत में ग्रहण को लेकर कई अंधविश्वास भी हैं, जबकि विज्ञान ग्रहण को लेकर किसी भी अंधविश्वास को नहीं मानता। विज्ञान के मुताबिक ग्रहण पूरी तरह खगौलीय घटना है।
3 Comments
it was very helpful thanks
ReplyDeleteGood esay
ReplyDeleteNice
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