लखनऊ

'लखनऊ', भारत देश के उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी है। यह शहर गोमती नदी के तट पर स्थित है। इसको नवाबों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। लखनऊ को प्राचीन काल में लक्ष्मणपुर और लखनपुर के नाम से जाना जाता था। कहा जाता है कि अयोध्या के श्री राम ने लक्ष्मण को लखनऊ भेंट किया था। इसके वर्तमान स्वरूप की स्थापना नवाब आसफ-उद-दौला द्वारा 1775 ई. में की गई थी, उन्‍होने इसे अवध के नवाबों की राजधानी के रूप में पेश किया था।

लखनऊ शहर एक विनम्र संस्‍कृति के अलावा शानदार पाक शैली के लिए वर्तमान समय में पूरी दुनिया में विख्‍यात है। बढ़ती जनसंख्‍या को ध्‍यान में रखते हुए यहां की कोठियों को अपार्टमेंट में बदल दिया गया है लेकिन यहां के लोगों में मोहब्‍बत और अपनापन अभी भी बाकी है। लखनऊ वह शहर है जहां कई वाद्य यंत्र जैसे- सितार, टेबल और नृत्‍य जैसे- कत्‍थक आदि का जन्‍म हुआ है। यहां की चिकनकारी का काम पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है, हर पुरूष और महिला के वार्डरोब में लखनऊ का चिकन का कपड़ा जरूर मिलता है।

लखनऊ के सबसे खास पर्यटन स्‍थल बड़ा इमामबाड़ा, शहीद स्मारक, रेजीडेंसी और भूल-भुलैय्या हैं। इसके अतिरक्त छोटा इमामबाड़ा, हुसैनाबाद क्‍लॉक टॉवर और पिक्‍चर गैलरी भी दर्शनीय स्मारक हैं। लखनऊ का चिड़ियाघर, बॉटनिकल गार्डन, बुद्ध पार्क, कुकरैल फॉरेस्‍ट और सिंकदर बाग जैसे प्राकृतिक छटा वाले स्‍थल इस शहर को खास और जरूरत से ज्‍यादा सुंदर बनाते है। यहाँ के कैसरबाग पैलेस, तालुकदार हॉल, शाह नज़फ इमामबाड़ा, बेगम हजरत महल पार्क और रूमी दरवाजा आदि भारत के सबसे प्रभावशाली वास्‍तु संरचनाओं में से एक हैं।

लखनऊ में देश के कई उच्च शिक्षा एवं शोध संस्थान भी हैं। इनमें से कुछ हैं: एस.जी.पी.जी.आई., किंग जार्ज मेडिकल कालेज और बीरबल साहनी अनुसंधान संस्थान। यहां भारत के वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद की चार प्रमुख प्रयोगशालाएँ और उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी हैं। लखनऊ में छः विश्वविद्यालय हैं।

लखनऊ के भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय का नाम यहां के महान संगीतकार पंडित विष्णु नारायण भातखंडे के नाम पर रखा हुआ है। यह संगीत का पवित्र मंदिर है। श्रीलंका, नेपाल आदि बहुत से एशियाई देशों एवं विश्व भर से साधक यहां नृत्य-संगीत की साधना करने आते हैं। विश्व के सबसे पुराने आधुनिक स्कूलों में से एक ला मार्टीनियर कॉलेज भी इस शहर में मौजूद है, जिसकी स्थापना ब्रिटिश शासक क्लाउड मार्टिन की याद में की गयी थी।

लखनऊ, उर्दू और हिन्‍दी भाषा का जन्‍म स्‍थान है और इस शहर का भारतीय कविता और साहित्‍य में काफी योगदान भी रहा है। यहाँ गर्म अर्ध-उष्णकटिबन्धीय जलवायु है। यहां ठंडे शुष्क शीतकाल दिसम्बर-फरवरी तक एवं शुष्क गर्म ग्रीष्मकाल अप्रैल-जून तक रहते हैं। मध्य जून से मध्य सितंबर तक वर्षा ऋतु रहती है। यह शहर उत्तरी भारत का एक प्रमुख बाजार एवं वाणिज्यिक नगर ही नहीं, बल्कि उत्पाद एवं सेवाओं का उभरता हुआ केन्द्र भी बनता जा रहा है।

लखनऊ में यातायात के सभी साधन उपलब्‍ध है जैसे- हवाई, रेल और सड़क मार्ग। पर्यटक, देश-विदेश के किसी भी कोने से लखनऊ तक आसानी से पहुंच सकते है। मौसम की दृष्टि से, लखनऊ के भ्रमण का सबसे अच्‍छा समय अक्‍टूबर से मार्च के दौरान होता है। वास्‍तव में, इस शहर में अभूतपूर्व विकास और आधुनिकीकरण के बाद भी, यहां का प्राचीन आकर्षण और महिमा बरकरार है। लखनऊ के समाज में नवाबों के समय से ही 'पहले आप!' वाली शैली समायी हुई है।

लखनऊ में सभी धर्मों के लोग सौहार्द एवं सद्भाव से रहते हैं। यहां सभी धर्मों के अर्चनास्थल भी इस ही अनुपात में हैं। यहां हिन्दू त्यौहारों में होली, दीपावली, दुर्गा पूजा एवं दशहरा और ढेरों अन्य त्यौहार जहां हर्षोल्लास से मनाये जाते हैं, वहीं ईद और बारावफात तथा मुहर्रम के ताजिये भी फीके नहीं होते। साम्प्रदायिक सौहार्द यहां की विशेषता है। यहां दशहरे पर रावण के पुतले बनाने वाले अनेकों मुस्लिम एवं ताजिये बनाने वाले अनेकों हिन्दू कारीगर हैं।