'कार्तिक पूर्णिमा' हिन्दुओं का प्रसिद्द त्यौहार है। यह त्यौहार सम्पूर्ण भारत में धूम-धाम से मनाया जाता है। हिन्दू कैलेन्डर के अनुसार यह त्यौहार कार्तिक माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा को 'त्रिपुरी पूर्णिमा' या 'गंगा स्नान' के नाम से भी जाना जाता है। इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा की संज्ञा इसलिए दी गई है क्योंकि इस दिन ही भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक महाभयानक असुर का अंत किया था और वे त्रिपुरारी के रूप में पूजित हुए थे।
कार्तिक पूर्णिमा भारत का एक सबसे प्रमुख त्यौहार माना जाता है जो कि भारत में तीन प्रमुख समुदायों के लिये सबसे अहम स्थान रखता है। इस त्यौहार को हिंदू, जैन और सिख समुदायों के लोग अपने-अपने प्रकार से मनाते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा इस लिये भी खास है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु ने अपना पहला अवतार लिया था। इस दिन सिख समुदाय अपने पहले गुरु, 'गुरु नानक देव' का जन्मदिन मनाते हैं। सिख समुदाय के लोग सुबह नहा-धो कर गुरुदृवारे जा कर गुरुवाणी सुनते हैं। इस त्यौहार को 'गुरु पर्व' भी कहा जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन कार्तिक पूर्णिमा स्नान के बाद कार्तिक व्रत पूर्ण होते हैं। पवित्र नदियों में स्नान, सरोवरों में स्नान, मंदिरों में पूजा-पाठ एवं गुरुद्वारों में शबद कीर्तन आदि अनेक कार्यक्रम दिन भर चलते हैं। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा में किए हुए स्नान, दान, होम, यज्ञ और उपासना आदि का अनंत फल होता है।
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