Short Essay on 'Importance of Games in Life' in Hindi | 'Jivan men Khelon ka Mahattva' par Nibandh (300 Words)


जीवन में खेलों का महत्त्व

जीवन में खेल-कूद का बहुत महत्त्व है। हर व्यक्ति के सफल जीवन के लिए स्वस्थ तन और स्वस्थ मन दोनों अत्यंत आवश्यक हैं। ये दोनों चीजें हमें जीवन में उपलब्ध कराने में खेलों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। खेलों से मानव में धैर्य, सहनशीलता और मानवीय गुणों का विकास होता है। खेल सभी के व्यस्त जीवन में अहम भूमिका अदा करते हैं।


खेलों के महत्त्व को कम या अधिक रूप में सभी समाज और सभी युग में स्वीकार किया गया है। आज के युग में खेल-कूद संबंधी प्रतियोगिताएं गांव और नगर स्तर से ऊपर उठकर प्रदेश, देश और विश्व के स्तर पर आयोजित की जाती हैं। खेलों के महत्त्व को समझते हुए ही ओलंपिक गेम्स, यूरोपीय खेल और एशियाड खेलों की शुरुआत की गई। खेलों की सभी प्रतियोगिताएं मैत्री-भावना को बढ़ावा देती हैं। ये विश्व की एकता को मजबूत बनाने की एक अहम कड़ी हैं।

खेलों से अनेक लाभ होते हैं। खेल जीवन की नीरसता को समाप्त कर हमारे शरीर को सुगठित बनाते हैं, जिससे शरीर की कार्य-क्षमता बढ़ती है। खेल स्वास्थ्य और मनोरंजन दोनों के लिए महत्त्वपूर्ण होते हैं। ये हमारे अंदर संगठित होकर कार्य करने की भावना को विकसित करते हैं। खेलों से हमारे अंदर परस्पर सहयोग और विश्वास, अनुशासन, सहनशीलता और आज्ञाकारिता के गुणों का विकास होता है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेली जाने वाली प्रतियोगिताओं के आधार पर खिलाड़ियों को विश्व भ्रमण का अवसर भी मिलता है।


आज के भौतिक युग में खेलों को जीवन का आवश्यक अंग बनाने की आवश्यकता है। जीवन में हर व्यक्ति के लिए खेल-कूद उसके स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। विद्यार्थी जीवन में तो खेल-कूद और भी आवश्यक हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि खेल-कूद स्वस्थ मन, स्वस्थ तन और स्वस्थ समाज की रचना करते हैं। शिक्षण संस्थाओं का भी यह कर्तव्य है कि वे शैक्षिक संस्थान में शिक्षा के साथ-साथ विभिन्न खेलों की व्यवस्था करें। 


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