Short Essay on 'My Hobby' in Hindi | 'Mera Priya Shauk (Ruchi)' par Nibandh (275 Words)


मेरा प्रिय शौक (रुचि)

कोई भी ऐसा कार्य जो मुख्य व्यवसाय के अतिरिक्त हो, जिसके पीछे लाभ उठाने की भावना न हो तथा ऐसा कार्य करने से मन को असीम संतुष्टि मिलती हो, उसे शौक, रोचक कार्य अथवा हॉबी के नाम से जाना जाता है। प्रत्येक व्यक्ति कुछ न कुछ शौक अवश्य रखता है। शौक से हमें आनंद की अनुभूति प्राप्त होती है।

शौक का मनुष्य के जीवन में अपना अलग ही महत्त्व है। मनुष्य का रोजगार उसकी भौतिक एवं आर्थिक परिस्थितियों पर निर्भर करता है। जबकि मनुष्य का शौक या हॉबी उसकी रुचि पर निर्भर करती है। यह वह कार्य है जिसे करने के लिए मनुष्य की आंतरिक प्रवृत्ति प्रेरणा देती है।
 

भिन्न-भिन्न लोगों के रोचक कार्य या शौक भी भिन्न-भिन्न होते हैं। पेंटिंग, फोटोग्राफी, चित्रकला, सिलाई, बुनाई, संगीत, गायन, मूर्तिकला, कविता करना, डाक टिकट अथवा पुराने सिक्के एकत्रित करना, पतंग उड़ाना और बागवानी आदि ऐसे ही विभिन्न शौक हैं। मेरा प्रिय शौक अपने खाली समय में ज्ञानवर्धक किताबों को पढ़ना है।

ज्ञानवर्धक किताबों को पढ़ना मुझे बहुत अच्छा लगता है। किताबों को पढ़ने से मैं अपने खाली समय में अपने को व्यस्त रख पाती हूँ साथ ही मुझे अत्यंत खुशी मिलती है। इससे मुझे ज्ञान, प्रोत्साहन और तरह-तरह की सूचना प्राप्त होती रहती हैं। इस शौक के कारण मैं कभी भी अपने को अकेला या परेशान महसूस नहीं करती हूँ।
 

किताबों की पढ़ाई के शौक से मुझे अनेक लाभ हुए हैं। इससे मेरे ज्ञान में बहुत वृद्धि हुई है। यह आनंद, ज्ञान और सूचना का अच्छा स्त्रोत है। इससे मेरी भाषा सशक्त, सार-गर्भित एवं प्रतिभासंपन्न हुई है। अब, मैं यह अच्छी तरह से समझ गई हूँ कि किताबों को पढ़ना बहुत अच्छी आदत है, जो मुझे पूर्ण बनाती है।  


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