आज के युग में 'समाचार पत्र' हमारे जीवन का आवश्यक अंग बन गया है। यह वैज्ञानिक युग की महत्त्वपूर्ण व उपयोगी देन है। ये देश-विदेश की सभी सूचनाओं को एक ही स्थान पर उपलब्ध करवाते हैं। समाचार पत्र का इतिहास एवं उसका विकास का समय अधिक पुराना न होते हुए भी अत्यंत कम समय में ही इस उद्योग ने सम्पूर्ण विश्व में अच्छी उन्नति की है।
समाचार पत्रों का जन्म प्रिंटिंग कला के विकास के साथ हुआ। पहला समाचार पत्र इटली में 16वीं सदी में प्रकाशित हुआ। भारत में समाचार पत्रों का प्रकाशन का प्रारम्भ ब्रिटिश काल में हुआ। भारत में सबसे पहले 'बंगाल गज़ट' नामक सरकारी प्रकाशन प्रारम्भ हुआ था। इसके बाद धीरे-धीरे भारत में अनेक समाचार पत्र प्रकाशित होने लगे।
समाचार पत्र मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं- दैनिक समाचार पत्र, साप्ताहिक समाचार पत्र, पाक्षिक समाचार पत्र और मासिक समाचार पत्र। आज कल समाचार पत्र भिन्न-भिन्न भाषाओं में प्रकाशित हो रहे हैं। हमारे देश में समाचार पत्र कई भाषाओं जैसे– हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, पंजाबी, कन्नड़, तेलुगू, मलयालम, उर्दू इत्यादि में प्रकाशित होते हैं।
समाचार पत्रों में सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, बाजार, स्वास्थ्य इत्यादि पर लेख प्रकाशित होते है। यह सभी लोगों के लिए फायदेमंद हैं। समाचार पत्रों से हमें विज्ञान, अंतरिक्ष, फिल्म-उद्योग, भोजन और देश-विदेश में घटने वाली छोटी-बड़ी घटना की जानकारी प्राप्त होती है। इसलिए सभी वर्ग के लोगों को समाचार पत्र पढ़ना चाहिए।
समाचार पत्र प्रतिदिन सूचना पाने का सस्ता और सुलभ स्त्रोत है। समाचार पत्र का प्रतिदिन अध्ययन करना सबके लिए लाभदायक है। निर्विवाद रूप से समाचार पत्र हमारे जीवन की एक जरूरी आवश्यकता बन चुके हैं। समाचार पत्रों का अपना एक अलग स्थान है। इनके बिना हमारा काम नहीं चल सकता ।
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