आज का युग विज्ञान का युग है। आज के वैज्ञानिकों ने दिन-प्रतिदिन नए-नए अविष्कार कर सम्पूर्ण मानव जाति को अचंभित कर दिया है। आज का मनुष्य बिना किसी रोक के धरती, जल और आकाश में विचरण करता है। यही नहीं, अब मनुष्य पृथ्वी से निकलकर चंद्रलोक और मंगल ग्रह तक पहुँच गया है।
विज्ञान के चमत्कारों को हम अपने आस-पास रोजमर्रा के जीवन में हर रोज हर वक्त देखते हैं। हम अपने आधुनिक जीवन की कल्पना भी बिना विज्ञान के नहीं कर सकते। प्रतिदिन के प्रयोग की वस्तुएं, जैसे- रेडियो, टेलीविज़न, बल्ब, पंखा, ए.सी., कूलर, रेफ्रिजरेटर, टेलीफोन, मोबाइल फ़ोन अदि सब विज्ञान की ही देन हैं।
चिकित्सा का क्षेत्र हो या रहन-सहन का क्षेत्र या फिर यातायात, संचार, शिक्षा या मनोरंजन का क्षेत्र हो या उद्योग और युद्ध का क्षेत्र, विज्ञान ने सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति की है। इंटरनेट की उपलब्धि विज्ञान की एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।
इस युग में नित्य-प्रति नए-नए वायुयानों का निर्माण हो रहा है। युद्ध में काम आने वाले वायुयानों का प्रयोग बढ़ता चला जा रहा है। आज घर-घर में रेडियो, टेलीविज़न, मोबाइल फ़ोन तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस दिखाई देती हैं। यह विज्ञान की ही देन है कि हम घर बैठकर देश-विदेश में वीडियो कॉल कर सजीव बात कर सकते हैं।
चिकित्सा के क्षेत्र में मनुष्य ने विज्ञान की सहायता से बहुत उन्नति कर ली है। आज टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक की मदद से निःसंतान दंपत्ति भी बच्चे प्राप्त कर सकते हैं। वर्तमान में मनुष्य ने विज्ञान की मदद से मलेरिया, डेंगू, जापानी बुखार, कैंसर, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हड्डी के रोग, हृदय रोग जैसे अन्य रोगों का समाधान निकाल लिया है।
आज के युग में सभी किताबों, अखबारों, लेखो को ऑनलाइन पढ़ा जा सकता है। ई-मेल के आविष्कार से हम किसी भी प्रकार के डॉक्यूमेंट किसी भी व्यक्ति को फौरन ही भेज सकते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, जैसे- फेसबुक, टि्वटर, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम की मदद से आज हम देश-विदेश में बैठे अपने मित्रों, रिश्तेदारों से हमेशा जुड़े रह सकते हैं।
विज्ञान के बहुत से चमत्कार हमें देखने को मिलते हैं। विज्ञान ने हमारी बहुत मदद की है, पर हमें विज्ञान का इस्तेमाल अपने विवेक के अनुसार करना होगा। अच्छाई के साथ-साथ कुछ बुराई भी जुड़ी होती है। किसी वस्तु का उपयोग ही उसे अच्छा या बुरा रूप देता है। यदि विज्ञान का उपयोग मानव के कल्याण के लिए किया जाये तो वह देन है और यदि उसको विनाश कार्यों में लगाया जाये तो वह अभिशाप में बदल जाती है।
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