हिंदी में अच्छा पत्र लिखने के लिए यह आवश्यक है कि निम्नलिखित बिंदुओं को अच्छे से समझ लिया जाये:
(1) पत्र-लेखन क्या है
(2) पत्र कितने प्रकार के होते हैं
(3) पत्र के आवश्यक अंग
(1) पत्र-लेखन क्या है
एक ऐसा साधन जिसके द्वारा कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को लिखकर अपने विचारों को व्यक्त करता है, पत्र-लेखन कहलाता है। पत्र भेजने वाले को प्रेषक और पत्र प्राप्त करने वाले को प्रेषिती कहा जाता है।
(2) पत्र कितने प्रकार के होते हैं
पत्र पांच प्रकार के होते हैं:
- व्यक्तिगत पत्र (Personal Letters)- जो पत्र अपने सगे-सम्बन्धियों, रिश्तेदारों और मित्रों को लिखे जाते हैं, उन्हें व्यक्तिगत पत्र या पारिवारिक पत्र कहा जाता है।
- आवेदन पत्र (Applications)- जो पत्र प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों और शिक्षण संस्थाओं को लिखे जाते हैं, उन्हें आवेदन पत्र कहा जाता है।
- निमंत्रण पत्र (Invitations)- जो पत्र अपने सगे-सम्बन्धियों, रिश्तेदारों और मित्रों को किसी शुभ अवसर पर निमंत्रित करने के लिए दिए जाते हैं, उन्हें निमंत्रण पत्र कहा जाता है।
- व्यवसायिक पत्र (Business Letters)- जो पत्र व्यापार अथवा व्यवसाय के सम्बन्ध में लिखे जाते हैं, उन्हें व्यवसायिक पत्र कहा जाता है।
- सरकारी पत्र (Official Letters)- जो पत्र सरकारी अधिकारियों, विभागों, मंत्रालयों, राज्यों अथवा केंद्र को लिखे जाते हैं, उन्हें सरकारी पत्र कहा जाता है। इन्हें शासकीय अथवा राजकीय पत्र भी कहते हैं।
(3) पत्र के आवश्यक अंग
पत्र के पांच आवश्यक अंग होते हैं:
- प्रेषिती का स्थान, पता और पत्र लिखने की तिथि।
- शिष्टाचारी शब्द जैसे- आदरणीय, माननीय, पूज्यनीय अथवा प्रिय आदि।
- पत्र का कलेवा या विषय विस्तार- इसमें पत्र की सभी आवश्यक बातें लिखनी चाहिए।
- प्रेषक का प्रेषिती से सम्बन्ध बोधक शब्द जैसे- भवदीय, आपका पुत्र, आपका प्रिय अथवा परम स्नेही आदि।
- प्रेषक का नाम और पता।
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