केला का वृक्ष
'केले के वृक्ष' को धार्मिक और औषधीय रूप से अत्यंत महत्त्वपूर्ण माना जाता है। इसके गुणों को देखकर ही केले के फल के साथ-साथ सजावट के लिए इसकी खेती की जाती है।
केले के वृक्ष काफी लंबे और सामान्य रूप से काफी मजबूत होते हैं। उनका तना सीधा होता है। केले की कुछ प्रजातियों में तने की ऊंचाई 2-8 मीटर तक हो सकती है। इस वृक्ष के पत्ते बहुत बड़े होते हैं।
केले के फल वृक्ष पर लटकते हुए गुच्छों के रूप में ही बड़े होते हैं। एक गुच्छे में अनेक केलों की पंक्ति होती है। इस गुच्छे का वजन कई किलोग्राम तक हो सकता है।
हिन्दू धर्म में केले के वृक्ष की बहुत मान्यता है। केले के फल एवं पत्ते पूजा में प्रयुक्त होते हैं। केले के वृक्ष की पूजा होती है। केले के बड़े पत्ते थाल बनाने के कार्य भी आते हैं। दक्षिण भारत में तो केले के पत्ते में भोजन करना प्रथा में है।
हिन्दू धर्म में केले के वृक्ष की बहुत मान्यता है। केले के फल एवं पत्ते पूजा में प्रयुक्त होते हैं। केले के वृक्ष की पूजा होती है। केले के बड़े पत्ते थाल बनाने के कार्य भी आते हैं। दक्षिण भारत में तो केले के पत्ते में भोजन करना प्रथा में है।
0 Comments