Short Essay on 'Nirjala Ekadashi' in Hindi | 'Nirjala Ekadashi' par Nibandh (150 Words)


निर्जला एकादशी

'निर्जला एकादशी' हिन्दुओं का प्रसिद्द त्यौहार है। यह त्यौहार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी (ग्यारहवें दिन) को मनाया जाता है। निर्जला एकादशी को 'भीम एकादशी' भी कहा जाता है। यह व्रत सम्पूर्ण भारत में विशेषकर उत्तर भारत में मनाया जाता है।

निर्जला एकादशी के दिन बिना पानी पिये व्रत रखा जाता है तथा द्वादशी (अगले दिन) को परायण करके व्रत खोला जाता है। इस व्रत की तैयारी एक दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। इस व्रत से सम्बंधित अनेक कथाएं प्रचलन में हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से आयु की वृद्धि तथा उत्तम लोकों की प्राप्ति होती है।


निर्जला एकादशी के दिन भक्तगण सुबह स्नान आदि करके भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन भक्ति भाव से भगवान का भजन-कीर्तन किया जाता है और कथा सुनी जाती है। भक्तगण अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान करते हैं और अगले दिन सूर्योदय के बाद ही उपवास समाप्त करते हैं। 

   

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