गणेश चतुर्थी का त्यौहार भारत में मनाये जाने वाले प्रसिद्द त्यौहारों में से एक है। इस वर्ष 2020 में गणेश चतुर्थी का त्यौहार 22 अगस्त 2020 को मनाया जा रहा है। आज के निबंध के माध्यम से मैं आप सबको बताने जा रही हूँ कि गणेश चतुर्थी के त्यौहार का क्या महत्त्व और विधान है तथा यह त्यौहार कब, कैसे और क्यों मनाया जाता है।
'गणेश चतुर्थी' हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार हिंदी पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह त्यौहार प्रति वर्ष अगस्त या सितंबर में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का त्यौहार सम्पूर्ण भारत में धूम-धाम से मनाया जाता है किन्तु महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में ये विशेष तौर पर मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी
'गणेश चतुर्थी' हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार हिंदी पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह त्यौहार प्रति वर्ष अगस्त या सितंबर में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का त्यौहार सम्पूर्ण भारत में धूम-धाम से मनाया जाता है किन्तु महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में ये विशेष तौर पर मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी का त्यौहार भगवान गणेश जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। प्रचलित कथा के अनुसार माता पार्वती ने स्नान करने से पूर्व अपने पुत्र को द्वार पर खड़ा कर दिया जिससे कि वह किसी को अंदर न जाने दें। शिवजी ने जब प्रवेश करना चाहा तब बालक ने उन्हें रोक दिया। इस पर भयंकर युद्ध हुआ और अंत में भगवान शिव ने क्रोधित होकर अपने त्रिशूल से उस बालक का सिर काट दिया। बाद में शिवजी ने एक हाथी के मस्तक को बालक के धड़ पर रखकर उसे पुनर्जीवित कर दिया।
गणेश चतुर्थी का त्यौहार 10 दिनों तक चलता है। इस त्यौहार के लिए लोग कई दिन पहले से ही तैयारी में जुट जाते हैं। गणेश चतुर्थी के दिन भक्तगण अपने घरों में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं और 10 दिनों तक अनंत चतुर्दसी तक उनकी पूजा आराधना करने के बाद गानों और बाजों के साथ गणेश जी की मूर्ति को विसर्जित कर दिया जाता है। मान्यता है कि जिन घरों में गणेश जी पूजा-अर्चना की जाती है, वहां कोई संकट नहीं आता और उनकी सभी मनोकानायें पूरी होती हैं।
गणेश चतुर्थी का त्यौहार 10 दिनों तक चलता है। इस त्यौहार के लिए लोग कई दिन पहले से ही तैयारी में जुट जाते हैं। गणेश चतुर्थी के दिन भक्तगण अपने घरों में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं और 10 दिनों तक अनंत चतुर्दसी तक उनकी पूजा आराधना करने के बाद गानों और बाजों के साथ गणेश जी की मूर्ति को विसर्जित कर दिया जाता है। मान्यता है कि जिन घरों में गणेश जी पूजा-अर्चना की जाती है, वहां कोई संकट नहीं आता और उनकी सभी मनोकानायें पूरी होती हैं।
1 Comments
BHOT HI ACCHA NIBHAND HAI...IT REALLY HELPED ME A LOT FOR MY HINDI ASSIGNMENTS...THANK YOU SO MUCH...
ReplyDelete