Short Essay on 'Muharram' in Hindi | 'Muharram' par Nibandh (200 Words)


मुहर्रम

'मुहर्रम' मुसलमानों का एक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार खुशी नहीं बल्कि गमी का त्यौहार है। मुहर्रम त्यौहार को इस्लाम धर्म के अनुयायियों द्वारा अपने शहीदों की याद को ताजा रखने के लिए मनाया जाता है। यह त्यौहार सम्पूर्ण भारत में श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। मुहर्रम, इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना भी है। यह त्यौहार दस दिनों तक चलता है।
 
मान्यता के अनुसार सन् 680 में इसी माह में कर्बला नामक स्थान मे एक धर्म युद्ध हुआ था। कर्बला की घटना अपने आप में बड़ी वीभत्स और निंदनीय है। तभी से तमाम दुनिया के मुसलमान इस महीने में इस्लामधर्म के संस्थापक हजरत मुहम्मद के नाती हजरत इमाम हुसैन की शहादत का ग़म मनाकर उनकी याद करते हैं। कर्बला में हुई यह घटना वास्तव में सत्य के लिए जान न्योछावर कर देने की जीती-जागती मिसाल है।

मुहर्रम के अवसर पर रंग-बिरंगे ताजिए निकाले जाते हैं जिन्हें ले जाकर कर्बला में दफ़न किया जाता है। इस अवसर पर जुलूस निकाले जाते हैं, ढोल बजाए जाते हैं तथा चौराहों पर रुककर युद्धकौशल दिखाए जाते हैं। मुहर्रम का त्यौहार अन्याय के प्रति विरोध का प्रतीक है। यह त्यौहार संदेश देता है कि मनुष्य के लिए उसके जीवन से बढ़कर उसके आदर्श का महत्त्व है।  



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