Short Essay on 'Owl' in Hindi | 'Ullu' par Nibandh (200 Words)


 
उल्लू

'उल्लू' एक पक्षी है। यह दुनिया के लगभग हर देश में पाया जाता है। उल्लू के दो मूल प्रकार हैं: विशिष्ट उल्लू और खलिहान उल्लू। 
 
उल्लू का सिर बड़ा, सपाट चेहरा, झुकी हुई चोंच और छोटी पूँछ होती है। ये तेज तर्रार होते हैं। उल्लू के पंख लंबे होते हैं। उल्लू के सामान्यतया भूरे और सफ़ेद रंग की धारियाँ या धब्बे होते हैं।

उल्लू की आँखें असामान्य होती हैं। उल्लू की दोनों आँखें आमने-सामने होती हैं। यह अपनी आँखें नहीं हिला सकता है। उल्लू बहुत दूर तक देख सकता है। यह बहुत नजदीक का अच्छी तरह से नहीं देख सकता है।

उल्लू की आंखों के चारों ओर चेहरे की डिस्क होती है। ऐसा सोंचा जाता है कि ये डिस्क उल्लू को सुनने में मदद करती हैं। उल्लू अपने सिर को 180 डिग्री तक घुमा सकते हैं।

उल्लू रात में जागते हैं। ये चूहों और अन्य छोटे स्तनधारियों, कीड़े-मकोड़ों और अन्य पक्षियों का शिकार करते हैं। उनके पास सुनने की बहुत अच्छी गुणवत्ता होती है जो उन्हें अंधेरे में अच्छी तरह से शिकार करने में उनको मदद करती है।

उल्लुओं के बारे में बहुत सारे मिथक और अंधविश्वास भी हैं। अन्य पक्षियों की तरह, उल्लू के बारे में भी प्राचीन संस्कृति में प्रतीकात्मक अर्थ है। भारतीय संस्कृति के अनुसार यह पक्षी लक्ष्मी माता जी का वाहन है।


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