Short Article on 'Advertisement: A Bane or Boon' in Hindi | 'Vigyapan: Vardan ya Abhishap' par Lekh


विज्ञापन- वरदान या अभिशाप

किसी वस्तु या व्यक्ति का परिचय युक्त प्रचार करने को विज्ञापन कहा जाता है। विज्ञापन किसी भी सामान के विक्रय में अहम भूमिका निभाते हैं। वर्तमान आधुनिकता के समय में आदमी हमेशा जल्दी में रहता है। बाजार में सब कुछ भली-भांति देखने के लिए उसके पास पर्याप्त समय नहीं है। ऐसे में विज्ञापन हमारे दैनिक जीवन का आवश्यक अंग बन गये हैं।

विज्ञापन का मुख्य उद्देश्य अपने उत्पाद को लोकप्रिय बनाना और अपने व्यवसाय को बढ़ाना है। आज के समय में विज्ञापनों को आकर्षक बनाने के लिए अनेक तरह की तकनीक अपनाई जाती हैं। वर्तमान में विज्ञापन के अनेक साधन उपलब्ध हैं। टेलीविजन, समाचार पत्र, पत्रिका, रेडियो, वैबसाईट आदि विज्ञापन देने के प्रमुख साधन हैं। आज के युग में इंटरनेट का दौर है, इसलिए लोग विज्ञापन के लिए सबसे ज्यादा वैबसाईट आदि का प्रयोग करते हैं।

विज्ञापन हमेशा फायदेमंद नहीं होते हैं। कभी-कभी विज्ञापन हमें गुमराह कर सकते हैं। कंपनियां, लाभ कमाने के लिए, अपने उत्पादों का झूठा और भ्रामक प्रचार कर देती हैं, जिसके परिणामस्वरूप ग्राहक पीड़ित होते हैं। अतः विज्ञापनों के प्रति हमें सावधानी बरतनी चाहिए। किसी भी उत्पाद को खरीदने से पहले ग्राहकों को अपनी बुद्धि और विवेक का समुचित प्रयोग करना चाहिए। ग्राहकों को अपने अधिकारों की भली-भांति जानकारी होनी चाहिए। जिससे कोई भी आसानी से उन्हें बेवकूफ न बना सके।
 

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