'गाँधी जयंती' भारत के राष्ट्रीय त्यौहारों में से एक है। इसके अतिरिक्त भारत में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस, राष्ट्रीय त्यौहारों के रूप में मनाये जाते हैं। इन राष्ट्रीय त्यौहारों में सार्वजानिक अवकाश रहता है। गाँधी जयंती प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर को मनायी जाती है। 2 अक्टूबर को महात्मा गाँधी का जन्म हुआ था। इस खास अवसर पर अक्सर हम सभी को अपने विचार व्यक्त करने की आवश्यकता पड़ जाती है। इसलिए इस पोस्ट के माध्यम से आप सब को इस बात कि जानकारी मिल जाएगी कि गाँधी जयंती पर भाषण किस तरह से दिया जाये। इस भाषण को स्कूल के शिक्षकों और छात्रों के अनुरूप लिखा गया है। अन्य लोग यथासंभव परिवर्तन कर लाभान्वित हो सकते हैं।
गाँधी जयंती 2020 पर हिंदी में भाषण
माननीय मुख्य अतिथि, प्रधानाचार्य जी, शिक्षकगण, माता-पिता और मेरे सभी प्रिय मित्र, आप सबको मेरा सादर अभिवादन। मैं ....(नाम).... (कक्षा) की छात्रा हूँ। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि गाँधी जयंती प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर को मनाई जाती है। यह भारत में राष्ट्रीय त्यौहार के रूप में मनाई जाती है। 2 अक्टूबर को महात्मा गाँधी जी का जन्मदिवस होता है। आप सभी को गाँधी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं।
आज, इस पावन दिवस पर मुझे कुछ बोलने का मौका मिला है, इसमें मैं अपने आपको अत्यधिक गौरवान्वित महसूस कर रही हूँ। आज हम सब महात्मा गाँधी की 151वीं जयंती को मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। उनका जन्म 2 अक्टूबर सन 1869 में हुआ था। मैट्रिक परीक्षा पास करने के बाद वह उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड गए। वहां से लौटने पर उन्होंने वकालत प्रारंभ की। गांधीजी सादा जीवन बिताते थे। उन्होंने हमको अहिंसा का पाठ पढाया। वह एक समाजसुधारक थे। उन्होंने छुआ-छूत को दूर करने का प्रत्यन किया।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि गाँधी जयंती का त्यौहार प्रतिवर्ष राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की जन्मतिथि पर उनकी स्मृति को कायम रखने के लिए मनाया जाता है। गाँधी जयंती को मनाने का सही मायने में अर्थ तब सार्थक होगा जब हम इस पावन पर्व पर राष्ट्र की सेवा का प्रण लें और अपने देश को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास करें। तभी गाँधी जी द्वारा समाज को दिया गया ज्ञान और मार्ग-दर्शन सार्थक हो सकेगा।
मैं अपने शब्दों को यहीं विराम देती हूँ। अंत में मैं एक बार फिर आपको भाषण को ध्यान से सुनने के लिए धन्यवाद देना चाहती हूँ। एक बार फिर से आप सभी को गाँधी जयंती की हार्दिक बधाई।
वंदे मातरम।
भारत माता की जय।
धन्यवाद।
आज, इस पावन दिवस पर मुझे कुछ बोलने का मौका मिला है, इसमें मैं अपने आपको अत्यधिक गौरवान्वित महसूस कर रही हूँ। आज हम सब महात्मा गाँधी की 151वीं जयंती को मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। उनका जन्म 2 अक्टूबर सन 1869 में हुआ था। मैट्रिक परीक्षा पास करने के बाद वह उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड गए। वहां से लौटने पर उन्होंने वकालत प्रारंभ की। गांधीजी सादा जीवन बिताते थे। उन्होंने हमको अहिंसा का पाठ पढाया। वह एक समाजसुधारक थे। उन्होंने छुआ-छूत को दूर करने का प्रत्यन किया।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि गाँधी जयंती का त्यौहार प्रतिवर्ष राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की जन्मतिथि पर उनकी स्मृति को कायम रखने के लिए मनाया जाता है। गाँधी जयंती को मनाने का सही मायने में अर्थ तब सार्थक होगा जब हम इस पावन पर्व पर राष्ट्र की सेवा का प्रण लें और अपने देश को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास करें। तभी गाँधी जी द्वारा समाज को दिया गया ज्ञान और मार्ग-दर्शन सार्थक हो सकेगा।
मैं अपने शब्दों को यहीं विराम देती हूँ। अंत में मैं एक बार फिर आपको भाषण को ध्यान से सुनने के लिए धन्यवाद देना चाहती हूँ। एक बार फिर से आप सभी को गाँधी जयंती की हार्दिक बधाई।
वंदे मातरम।
भारत माता की जय।
धन्यवाद।
0 Comments