Short Essay on 'Brahmagupta' in Hindi | 'Brahmagupta' par Nibandh (117 Words)

ब्रह्मगुप्त

'ब्रह्मगुप्त' का जन्म सन 598 में राजस्थान राज्य के भीनमाल नामक गांव मे हुआ था। इनके पिता का नाम जिष्णु था। ब्रह्मगुप्त को भिल्लमालआचार्य के नाम से भी जाना जाता है।

ब्रह्मगुप्त एक प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ थे। वे तत्कालीन गुर्जर प्रदेश (भीनमाल) के अंतर्गत आने वाले प्रख्यात शहर उज्जैन (वर्त्तमान में मध्य प्रदेश में) की अंतरिक्ष प्रयोगशाला के प्रमुख थे। इस दौरान उन्होंने दो ग्रन्थ लिखे- ब्रह्मस्फुट सिद्धांत और खण्ड-खाद्यक। 'ब्रह्मस्फुट सिद्धांत' सबसे पहला ग्रन्थ माना जाता है जिसमें शून्य का एक विभिन्न अंक के रूप में उल्लेख किया गया है।

ब्रह्मगुप्त कि मृत्यु सन 668 में हुई। ब्रह्मगुप्त गणित ज्योतिष के बहुत बड़े आचार्य थे। एक महान गणितज्ञ के रूप में उन्हें सदैव याद रखा जायेगा।

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