चंद्रशेखर वेंकट रमन (सी०वी० रमन)
'चंद्रशेखर वेंकट रमन (सी०वी० रमन)' का जन्म 7 नवम्बर, 1888 को थिरुवनेकोईल, तिरुचिरापल्ली, मद्रास प्रान्त में हुआ था। उनके पिता का नाम चन्द्रशेखर अय्यर था। उनकी माता का नाम पार्वती था। चंद्रशेखर वेंकट रमन की प्रारम्भिक शिक्षा विशाखापत्तनम में हुई।
सर सी० वी० रमन ने वर्ष 1904 में बी०ए० की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया और भौतिकी विज्ञान में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। वर्ष 1907 में उन्होंने एम० ए० की परीक्षा विशिष्ट योगयता के साथ उत्तीर्ण की।
सर सी० वी० रमन महान वैज्ञानिक थे। उन्होंने 'रमन इफ़ेक्ट' का अविष्कार किया। वह प्रथम भारतीय थे जिन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में 'नोबेल पुरस्कार' प्राप्त किया। प्रकाश के प्रकीर्णन पर उत्कृष्ट कार्य के लिये उन्हें भौतिकी का प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार दिया गया। उनकी महान उपलब्धि के लिए उन्हें अनेक अन्य उपाधियों से विभूषित किया गया।
28 फरवरी सन् 1928 को सर चंद्रशेखर वेंकट रमन ने अपनी खोज की घोषणा की थी। उनकी याद में, भारत में, प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को 'राष्ट्रीय विज्ञान दिवस' मनाया जाता है। 'राष्ट्रीय विज्ञान दिवस' का उद्देश्य विज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरूकता लाना और वैज्ञानिक सोच पैदा करना है।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के दिन विभिन्न स्कूल, कालेजों एवं विज्ञान संस्थानों में वैज्ञानिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर विज्ञान के क्षेत्र में विशेष योगदान एवं विज्ञान की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए अनेक पुरस्कारों की घोषणा की जाती है।
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