कोयल
'कोयल' का वैज्ञानिक नाम 'यूडाइनेमिस स्कोलोपेकस' है। यह 'कुक्कू' कुल का पक्षी है। इसे 'कोकिला' या 'कुक्कू' आदि नामों से भी पुकारा जाता है। कोयल पूरे भारत में पाया जाने वाला पक्षी है।
कोयल का आकार 10 से 11 इंच तक का हो सकता है। इनकी चोंच घुमावदार और पैनी होती है। इनकी आँखें लाल रंग की होती हैं। कोयल काले रंग का पक्षी होता है। यह एक कीट भक्षक पक्षी होता है। यह पक्षी अपने भोजन में तितली, कीट-पतंगे और ऐसी ही बहुत प्रकार की कीटों को खाना पसंद करता है।
कोयल एक बहुत ही चालाक पक्षी होता है। मादा कोयल अपने अंडे स्वयं नहीं सेती, यह अपने अंडे कौवे के घोसले में रखकर उसे बेवकूफ बनाती है, जिसे मादा कौवा अपने अंडे समझ लेती है। यह पक्षी ऊँचे वृक्षों में रहना पसंद करते हैं।
कोयल एक ऐसा पक्षी है जिसे उसकी मधुर आवाज़ के लिए जाना जाता है। इसकी मधुर आवाज के कारण ही इसे कोयल अर्थात मीठी बोली वाला पक्षी कहा जाता है। कोयल भारत के राज्य झारखंड का राज्य पक्षी भी है। संसार भर में कोयल की 100 से भी अधिक प्रजातियां पायी जाती हैं। कोयल की ज्यादातर प्रजातियां एशिया और अफ्रीका में पायी जाती हैं।
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